Posts

Showing posts from May, 2019

आचार्य श्री विद्यासागर जी मुनिराज - राष्ट्रचिन्तक जन जन के सन्त

*मयूर पीछी और कमण्डल है उपकरण जिनका...* *अम्बर ही तो है आवरण  उनका..* *त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति हैं जो...* *भगवान महावीर की परंपरा के परम अनुयायी हैं वो...* *देश मे शांति और सम्रद्धि का वास हो...* *जिनकी भावना ऐसी कि कोई चैतन्य आत्मा कभी न उदास हो...* *विश्व शांति का संदेश जो हैं चारो ओर फैलाते...* *अपने कल्याणकारी प्रवचनों से जो आत्मचेतना को जगाते...* *गुरुवर की महान है महिमा प्रत्येक जीव पर करुणा दर्शाते...* *जियो और जीने दो की जैनत्व परंपरा को जीवंत जो करते...* *जो आत्म साधना में सदा लीन रहते हैं...* *तपस्या में तपकर जो खरा सोना बने हैं...* *राष्ट्रहित राष्ट्र चिंतन के लिए गुरुदेव सदैव खड़े हैं...* *कई कई तपस्वी जिनकी दी दीक्षा से वैराग्य के मार्ग पर आगे बढे हैं..* *ऐसे हैं आचार्य श्री जिनके पवित्र पावन चरण भारत भूमि मे पड़े हैं...* *ग्रहस्थ हों या हों दीक्षार्थी गुरुदेव सबको सदमार्ग दिखलाते...* *जीवन को कैसे है जीना ये भी गुरुवर हमको बतलाते...* *गुरुवर तो जन जन में ज्ञान की ज्योति जगाते हैं... *अपनी गुरुवाणी से आत्मप्रगति का मार्ग दिखलाते हैं* *देश कै