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Hum Sab Karmon ke Adheen Hain ~ हम सब कर्मों के अधीन हैं।

कर्मों के अधीन घटित होने वाली परिस्थितियों पर गुमान क्यों? एक बार कागज का एक टुकड़ा हवा के वेग से उड़ा और पर्वत के शिखर पर जा पहुँचा। पर्वत ने उसका स्वागत किया और पूछा -भाई! यहाँ ...