Posts

Showing posts with the label पर्यावरण

भीषण गर्मी का कर्फ्यू - बदलते पर्यावरण का संकेत

Image
2020 के प्रथम लॉक डाउन के बीते समय में, मीडिया में प्राकृतिक वातावरण को लेकर कई सारी सकारात्मक पोस्ट और खबरें देखने और सुनने में आईं। तब  भारत मे उत्तरी क्षेत्रो में तो हिमालय की पर्वतमालाओं को साफ - साफ देखने की खबरें भी मीडिया जगत में छायीं रहीं। इसी प्रकार कहीं कहीं पर तो नदियाँ प्राकृतिक रूप से साफ होती भी नजर आयीं, जिनको साफ करने हेतु सभी सरकारें न जाने कितने करोडो रुपये का बजट प्रतिवर्ष खर्च करती आयीं हैं। इन सब खबरों के जनता के सामने आने के बावजूद भी वर्तमान समय मे कोई भी बड़ा बदलाव पर्यावरण को लेकर मानवीय द्रष्टिकोण में नजर नही आया है। परन्तु वर्तमान में बढ़ते हुए तापमान को लेकर सम्पूर्ण भारतवर्ष के रहवासियों को परेशानियों का सामना करते जरूर देखा जा सकता है। कहीं कहीं तो तापमान की हालात इतनी खराब है, कि ऐसा प्रतीत होता है, कि "दोपहर में तो प्रकृति का ही अघोषित कर्फ्यू" का समय चल रहा हो। तपती दोपहर  में कुछ समय के लिए तो लोग घरों , दुकानों या अपने अपने कार्यस्थलों से बाहर निकलने से बचने लगे हैं। अति महत्वपूर्ण या अत्यंत आवश्यक कार्य हो तो ही लोग घर से बाहर नि

#चल जरा बढ़ती गर्मी से दो दो हाथ हो जाये....

एक तेरा हाथ हो, एक मेरा हाथ हो.. बढ़ती गर्मी और घटते जलस्तर के खिलाफ, हमारा जीवन भर का साथ हो.. फैल जाए हवाओं में थोड़ी ठंडक, काश ऐसा हो जाये.. चल जरा बढ़ती गर्मी से ,दो दो हाथ हो जाये.... #चल जरा बढ़ती गर्मी से दो दो हाथ हो जाये.... थोड़ा तू चले थोड़ा में चलूँ ,हाथों में नन्हा पौधा लेकर... इस पौधे को रोपकर इतनी देखभाल करें, कि वो एक हरा भरा पेड़ बन जाये... रो रही हैं नदियाँ और हताश हैं सारे जल स्त्रोत.. क्यूँ न हम कुछ ऐसा करें, के उनके चेहरों पर रौनक आ जाये... #चल जरा बढ़ती गर्मी से, दो दो हाथ हो जाएं.. सुख रहा है जीवन धरती से, जल स्तर लगातार कम हो जाने से... आओ!बोएँ बीज हरियाली के कुछ इस तरह ,के धरती माँ का आँचल जल से पुनः भर जाए... न हो तेरे मन में उलझन ,न हो मेरे मन में कोई शिकवा.. अगर बचाना है धरती पर जलस्त्रोतों को,तो क्यों न एक जोरदार आगाज हो जाये... #चल जरा बढ़ती गर्मी से, दो दो हाथ हो जाएं.. न ये तेरी जंग है ,न ये मेरी जंग है... पानी की कमी से तो, सारी दुनिया ही तंग है... बचाना है अगर धरती पर मौजुद जलस्त्रोतों को , तो क्यों न इस पर सारा देश और दुनिया एक हो जाये... #च