#चल जरा बढ़ती गर्मी से दो दो हाथ हो जाये....
एक तेरा हाथ हो, एक मेरा हाथ हो..
बढ़ती गर्मी और घटते जलस्तर के खिलाफ, हमारा जीवन भर का साथ हो..
फैल जाए हवाओं में थोड़ी ठंडक, काश ऐसा हो जाये..
चल जरा बढ़ती गर्मी से ,दो दो हाथ हो जाये....
#चल जरा बढ़ती गर्मी से दो दो हाथ हो जाये....
थोड़ा तू चले थोड़ा में चलूँ ,हाथों में नन्हा पौधा लेकर...
इस पौधे को रोपकर इतनी देखभाल करें, कि वो एक हरा भरा पेड़ बन जाये...
रो रही हैं नदियाँ और हताश हैं सारे जल स्त्रोत..
क्यूँ न हम कुछ ऐसा करें, के उनके चेहरों पर रौनक आ जाये...
#चल जरा बढ़ती गर्मी से, दो दो हाथ हो जाएं..
सुख रहा है जीवन धरती से, जल स्तर लगातार कम हो जाने से...
आओ!बोएँ बीज हरियाली के कुछ इस तरह ,के धरती माँ का आँचल जल से पुनः भर जाए...
न हो तेरे मन में उलझन ,न हो मेरे मन में कोई शिकवा..
अगर बचाना है धरती पर जलस्त्रोतों को,तो क्यों न एक जोरदार आगाज हो जाये...
#चल जरा बढ़ती गर्मी से, दो दो हाथ हो जाएं..
न ये तेरी जंग है ,न ये मेरी जंग है...
पानी की कमी से तो, सारी दुनिया ही तंग है...
बचाना है अगर धरती पर मौजुद जलस्त्रोतों को ,
तो क्यों न इस पर सारा देश और दुनिया एक हो जाये...
#चल जरा बढ़ती गर्मी से, दो दो हाथ हो जाएं..
क्या पता हमारे प्रयास क्या रंग ले लायें, कहीं पड़ रहा हो बरसो से सूखा...
और मेघराज जम के ऐसा गरजें ,कि वँहा पर मेघ बरस जाएं..
बस दुआ है इतनी सी हमारी, धरती का आँचल पानी से कभी न हो खाली..
और ऐसा दिन जीवन में कभी भी न आये,कि धरती का एक भी प्राणी प्यासा मर जाये...
#चल जरा बढ़ती गर्मी से, दो दो हाथ हो जाएं..
करने होंगे कुछ अथक प्रयास, साथ मिलजुलकर इस ओर...
के निश्चित अवधि में ही सारे जलस्त्रोत पुनः जीवित हो जाये...
बढ़ रही धरती पर गर्मी तेजी से, और घट रहे हैं हरियाली और पानी...
इनको बचाने के लिए, क्यूँ न हम सब एक हो जायें....
#चल जरा बढ़ती गर्मी से, दो दो हाथ हो जाएं
स्वप्निल जैन,
इंदौर
Well said
ReplyDeleteNice one ...
ReplyDeleteToo Good :)
ReplyDeleteNyc one
ReplyDelete👍👍👍👍💐💐💐
ReplyDeleteWell done
Well said,भारत सरकार को 72000 रुपए देने वाले को मेहताना के रूप मे पेड़ लगवाने के देना चाहिये
ReplyDeleteबहुत ही शानदार आगाज़
ReplyDeleteजन जन की आवश्यकता
बहुत खूब👌👌
ReplyDeleteNice one
ReplyDeleteबढ़िया
ReplyDeleteSo impimpress
ReplyDeleteSo impressive,
ReplyDeleteVineet
Nice
ReplyDelete#चल जरा बढ़ती गर्मी से, दो दो हाथ हो जाएं..
ReplyDeleteकरने होंगे कुछ अथक प्रयास, साथ मिलजुलकर इस ओर...
के निश्चित अवधि में ही सारे जलस्त्रोत पुनः जीवित हो जाये...
बढ़ रही धरती पर गर्मी तेजी से, और घट रहे हैं हरियाली और पानी...
इनको बचाने के लिए, क्यूँ न हम सब एक हो जायें....
#चल जरा बढ़ती गर्मी से, दो दो हाथ हो जाएं