Pita ka Ashirwad ~ पिता का आशीर्वाद
"पिता का आशीर्वाद"
एक कविता है पिता का सच्चा आशीर्वाद,
जिसका एहसास हमेशा मन को गुदगुदाता है।
जिनके चरणों में बसा होता है स्वर्ग जहाँ,
वँहा हर किसी का दिल मुस्कुराता है।
पिता का आशीर्वाद है ये जीवन,
सारी दुनिया से परे है जिनका समर्पण।
रात और दिन भी जिनके सामने थकते हैं,
जिनकी मेहनत के फूल परिवार में हमेशा महकते हैं।
बना रहता है परिवार एक सुंदर बगिया जिनसे,
रिश्तों में भी खुशबू आती है जिनके रहने से।
पिता ऐसा सूरज है जो कभी नहीं ढलता है,
ईश्वर का एक नाम है"परमात्मा" तो दूजा "पिता" है।
हर लम्हा जिनके रहने से,
हरदम तरोताज़ा हो जाता है।
दिल से चाहते हैं पिता जिनको,
ईश्वर भी उन पर अपना स्नेह बरसाता है।
रास्ते कितने भी कठिन हों, रास्तो में चाहे बिछे हो काँटे।
पिता का आशीर्वाद ही जीवन के उन रास्तों का सम्मान करना सिखाता है।
दुनिया को कई कई बार बदलते देखा, पर पिता का मान हमेशा सर ऊँचा रखना सिखाता है।
लोग बदले चाहे जितना रिश्ता बदले,
जो कभी न बदले .....
वो *पिता का आशीर्वाद*🙌🏽 है।
🙏🏼🙏🏼🙏🏼एक पिता के आशीर्वाद को सच्चे दिल से नमन🙏🏼🙏🏼🙏🏼
स्वप्निल जैन,
इंदौर
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