Posts

Showing posts with the label जीवन विकास

जिंदगी अज्ञात से ज्ञात और ज्ञात से अज्ञात के बीच एक अनोखी और अद्भुत यात्रा है।

Image
जिंदगी !!! जिंदगी क्या है??? यह जन्म से मृत्यु के बीच एक शानदार यात्रा है। जब हम इस दुनिया में जन्म लेकर पहुँचे, तो हम अपने जीवन, परिवार, कैरियर, दोस्तों, दुश्मनों, अच्छे, बुरे आदि के बारे में पूरी तरह अज्ञात होते हैं, परन्तु जब हम हमारे जीवन विकास के विभिन्न चरणों (बचपन, जवानी,बुढ़ापा) के दौरान पूरी तरह बड़े (परिपक्व) हो जाते हैं , तब तक हम जीवन के बारे में बहुत कुछ सीख चूके होते हैं।और यह सीख अधिकांशतः जीवन यापन से ही जुड़ी होती है। जीवन विकास यात्रा में हम अपनी आजीविका का साधन, जीवन साथी, नए दोस्त इत्यादि का चुनाव करते हैं।उसके पूर्व हम और हमारी आंतरिक और बाह्य विश्वास प्रणाली ने हमारे अनुभव, ज्ञान, विशेषज्ञता, कौशल आदि के आधार पर, जो हम आज कर रहे हैं, उसकी दिशा में काम करना शुरू कर दिया होता है। परन्तु जब हम बढ़ती उम्र और समय के साथ ,अपने भावी जीवन के भविष्य के क्षेत्रों की ओर बढ़ने लगते हैं ..... तब हम भविष्य में जीवन में होने वाले बहुत से पहलुओं, परिवर्तनों और सभी परिस्थितियों के बारे में कुछ नही जानते और उससे अज्ञात ही रहते हैं। तो हम संक्षेप में यह कह सकते हैं ,कि हम हमारे ज

जिंदगी अज्ञात से ज्ञात और ज्ञात से अज्ञात के बीच एक अनोखी और अद्भुत यात्रा है।

जिंदगी!!! जिंदगी क्या है??? यह जन्म से मृत्यु के बीच एक शानदार यात्रा है। जब हम इस दुनिया में जन्म लेकर पहुँचे, तो हम अपने जीवन, परिवार, कैरियर, दोस्तों, दुश्मनों, अच्छे, बुरे आदि के बारे में पूरी तरह अज्ञात होते हैं, परन्तु जब हम हमारे जीवन विकास के विभिन्न चरणों (बचपन, जवानी,बुढ़ापा) के दौरान पूरी तरह बड़े (परिपक्व) हो जाते हैं , तब तक हम जीवन के बारे में बहुत कुछ सीख चूके होते हैं।और यह सीख अधिकांशतः जीवन यापन से ही जुड़ी होती है। जीवन विकास यात्रा में हम अपनी आजीविका का साधन, जीवन साथी, नए दोस्त इत्यादि का चुनाव करते हैं।उसके पूर्व हम और हमारी आंतरिक और बाह्य विश्वास प्रणाली ने हमारे अनुभव, ज्ञान, विशेषज्ञता, कौशल आदि के आधार पर, जो हम आज कर रहे हैं, उसकी दिशा में काम करना शुरू कर दिया होता है। परन्तु जब हम बढ़ती उम्र और समय के साथ ,अपने भावी जीवन के भविष्य के क्षेत्रों की ओर बढ़ने लगते हैं ..... तब हम भविष्य में जीवन में होने वाले बहुत से पहलुओं, परिवर्तनों और सभी परिस्थितियों के बारे में कुछ नही जानते और उससे अज्ञात ही रहते हैं। तो हम संक्षेप में यह कह सकते हैं ,कि हम हमारे जीव

जीवन यात्रा और जीवन विकास

जीवन यात्रा में मंज़िल ,पड़ाव,अध्यात्म और जीवन विकास ये सभी अति महत्वपूर्ण पहलू हैं।किसी को भी नकारना कर्म सिद्धान्त को नकारने के बराबर ही माना जायेगा। हम पैदा होते हैं ,उससे पहले से ही जीवन में कर्मो की निर्जरा निरंतर चलती रहती है।जिस प्रकार मिट्टी का रूप और खुशबू मौसम अनुसार बदलता रहता है,उसी प्रकार मनुष्य का जीवन भी कर्म अनुसार बदलता रहता है। इसी दौरान विभिन्न किस्म के पड़ाव जीवन मे आते हैं।पुरुषार्थ रहित होने पर मनुष्य की कर्मगति उसे भाग्य अनुसार  भृमण करवाती रहती है।अगर  आध्यात्मिक प्रगति हो चुकी हो या हो रही हो तो मंज़िल सही दशा में आने लगती है। सही मायने में जीवन विकास के लिए आध्यात्मिक उन्नति अति आवश्यक है।परन्तु उसका स्वरुप समझना जरूरी है। धर्म,अर्थ,काम और मोक्ष की अवधारणा अगर सही मायने में जिसको समझ मे आ गयी तो फिर उसका जीवन संतुलित होना शुरू हो सकता है। जय जिनेन्द्र