"एक संसद भगवान महावीर की भी लगे"
जीयो और जीने दो
"एक संसद भगवान महावीर की भी लगे"
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यह वर्ष 2023 समग्र जैन सम्प्रदाय के लिए ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण विश्व एवं प्राणी जगत के लिए चोबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के 2550 वें निर्वाण वर्ष के अत्यंत शुभ अवसर पर, किस प्रकार से अति महत्वपूर्ण हो सकता है, उस पर सभी जैन महानुभाव,विद्वान,वरिष्ठ एवं सभी समाज जन अवश्य विचार करें। 🙏
इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ से लेकर चोबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांतों और उनकी सीखों पर संगोष्ठी का आयोजन अलग अलग स्तर पर हो।
हमारे भारत के गणमान्य नागरिक भी उसमें सहभागिता सुनिश्चित कर सके। भगवान महावीर के सिद्धांतों से भारत सहित विश्व को किस प्रकार लाभ प्राप्त हो सकता है, उस पर विचार हो।
क्षत्रिय कुल में जन्म लेने वाले हमारे तीर्थंकर भगवन् भारतवर्ष को ही नहीं,अपितु सम्पूर्ण विश्व को "जीयो और जीने दो " का अमर सन्देश देते हैं। विचारों का आदान प्रदान और साधर्मी बन्धुओं में आपसी तालमेल का सामंजस्य बैठे यही प्रेरणा लेकर हम इस विषय को लेकर आगे बढ़ सकते हैं। भगवान महावीर महज जैन सम्प्रदाय के नहीं अपितु सम्पूर्ण प्राणी जगत सहित जन जन के भी आराध्य हैं।🙏
सभी प्राणियों को आत्म कल्याण की राह दिखाने वाले तीर्थंकर भगवान के लिए - "एक संसद भगवान महावीर की" भी लगे, यही मनोकामना।
स्वप्निल जैन, इंदौर (म.प्र.)
9893103535
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नोट : लेखक ने हाल ही में नये संसद भवन के उद्धघाटन के समय अपने मन के भाव उपरोक्त लेख के माध्यम से व्यक्त किये हैं। यहाँ भारतभूमि में "विभिन्नता में एकता" की जो अति सुंदर संस्कृति है, उसमें भगवान महावीर के अनेक अति महत्वपूर्ण जगत हितकारी सिद्धान्तों में से एक "अनेकान्तवाद" के सिद्धान्त को लेकर उन भावों को व्यक्त करने का छोटा सा प्रयास किया है। कहीं लिखने में त्रुटि हुई हो तो क्षमा करें।
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