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Showing posts from 2017

Big B ~ Amitabh Bachhan - कई मीलों तक अकेला चलता रहा, जो अभिनय के सफर में...

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Kai Milon Tak Akela Chalta Raha Jo Abhinay Ke Safar Me.. कई मीलों तक अकेला चलता रहा , जो अभिनय के सफर में... बना नही जो कभी रास्ते का पत्थर.... वो ही तो बॉलीवुड का वास्तविक मील का पत्थर है... जो रुका नही कभी थका नही... राह थी जिसके लिये एक अग्निपथ... वो था नही उसके लिए आखरी रास्ता... बस था ये तो एक इंकलाब... अभिनय का महान जादूगर है वो... जिसे हम बॉलीवुड का शहंशाह कहते हैं.. लाया भारतीय सिनेमा में तूफान जो... उसे सारे चाहने वाले एक अजूबा कहते हैं... बिग बी है जो हम सबके लिए... जिसे अपने नसीब पर जरा सा भी अभिमान नही... कहता है वो मैं आजाद हूं... अभिनय के डॉन जैसी इनकी पहचान है... भोले के त्रिशूल जैसा उसका अभिनय शक्तिशाली... वो तो हम सबके लिए एक सरकार है.. मिली है जिसको भारतीय दर्शकों की मोहब्बतें.. जिसका एक रिश्ता है हमसे इंसानियत का... जो भारतीय सिनेमा की क्यारी का बागबां है.. हर फैमिली जिसके बेहतरीन अभिनय की गवाह बनी... जो हिंदुस्तानी सिनेमा जगत का बाबुल है... शोले हैं भड़के हुए अभिनय के जिसके दिल में .. जो शमिताभ भी है और अमिताभ भी.. जो वज़ीर भी है और भूतनाथ भी.. जिसका वक़्त है जैसे उसी

चलो आज़ादी की एक नई तस्वीर बनाएं ~ Chalo Azadi ki ek nayi tasveer banyaen

Chalo  H um Sab Milkar Vande Mataram Geet Gayen....   चलो हम सब मिलकर..   वन्देमातरम गीत गाऐं ..      देशभक्ति की भावना को..              दिल से फिर गुनगुनाएँ ...          दिल से फिर गुनगुनाएँ ...   चलो आज़ादी की फिर से...      एक नई तस्वीर बनाएं ...          क्या क्या छुपा है भारतवर्ष के इतिहास में..                               सारे जहाँ को बताएं ...                                 वीरों की है ये पवित्र भूमि ...     इसे हम सब मिल स्वर्ग सा बनाएं ..                 बहती है जहां हर पल ज्ञान की अविरल धारा ...                वँहा एक बार फिर सुंदर ज्ञानदीप सजाएं ...        यहां शिवधाम है ...       और राम - कृष्ण सबके दिलों में पाए जाते हैं ...             जहां पर उठते हैं हाथ दुआओं के लिए..                            और सजदे किये जाते हैं ..     जहां लोग मंदिर - मस्जिद - गुरुद्वारे - गिरिजाघर में                               श्रद्धा से सर झुकाते हैं ...                                 जहां आदिनाथ

Life is Marvellous Journey between Unkonwn to Known & Known to Unknown

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Life!!! What is life??? It's a great journey from birth to death.When we arrive in this world, we were unknown about everything regarding our life, family, career, friends, enemies, good, bad etc. etc. But ,during our growth phase  "when we  grown up" ,we learnt a lot about life.We choose our profession, life partner, new friends etc.We develop a believe system to understand life and it's various aspects. Our believe system started working in the direction of what we are doing , based on our experience, knowledge, expertise, skills etc.So,we act accordingly what known to us. But surprisingly ,when we started moving towards rest of our life we again become blank & "Unknown" with so many aspects, challenges, changes & all unknown circumstances going to happen in our future life.That's life! So ,we can say in small & big bunches we got these unlimited Unknown~Known~Unknown Cycles  in our entire life. So ,when we are unknown in present but

Dosti ) दोस्ती -एक जज्बात

Dosti ) दोस्ती-एक जज्बात ------------------------------------------ Dosti junoon bhi hai,  to jajbaat bhi yahi hai...   दोस्ती  जुनून भी है,  तो  जज्बात भी यही है.. "Sachhi Dosti" Ishwar aur khuda bhi hai,  to Prathna aur ibaadat bhi yahi hai..   "सच्ची दोस्ती" ईश्वर और खुदा भी है,  तो प्राथना और इबादत भी यही है.. Dosti ehsaas bhi hai, to andaaz bhi yahi hai...  दोस्ती एहसास भी है, तो अंदाज़ भी यही है... Dosti pyaar bhi hai to, mithi takraar bhi yahi hai..  दोस्ती प्यार भी है तो, मीठी तकरार भी यही है.. Dosti raahat bhi hai, to dilon ki chaahat bhi yahi hai... दोस्ती राहत भी है, तो दिलों की चाहत भी यही है... Dosti khushi hai to, labon ki muskurahaat bhi yahi hai..  दोस्ती खुशी है तो, लबों की मुस्कुराहट भी यही है.. Dosti manzil hai to, safar bhi yahi hai..     दोस्ती मंज़िल है तो, सफर भी यही है.. Dosti ek rishta  hai to, rishtedaar bhi yahi hai...  दोस्ती एक रिश्ता  है तो, रिश्तेदार भी यही है.. Dosti madhur sangit hai to, geet bhi yahi hai.. दोस्ती मधुर

उड़ जा रे पंछी - Flying Hopes

चल उड़ जा रे पंछी , एक बार फिर से भोर भई .... माना के तेरी उड़ान है अभी थोड़ी सी छोटी.. पर तेरी उम्मीदों का आसमां है बहुत बड़ा। तुझे अपने पंखों को,  थोड़ा और फैलाना होगा... नापना है जीवन का आसमान अगर, तो लम्बी उड़ान के लिए बढ़ना होगा। तू बैठा है पेड़ की जिस शाखा पर, उसीको क्यों तू काट रहा... उम्मीदों को तू अपनी,  बेवकूफी से किस कदर छाँट रहा। जब तक नही जुड़ेगा सकारात्मक विचारों से , तेरे मन का धागा... तब तक तू रहेगा , अपने आप में अभागा। चल चुन ले वह मन का दाना , अपनी उम्मीदों को भोग लगाने का..  मन ही मन स्वयम को जीत ले , यही तरीका है संसार सागर में नैया पार लगाने का। चल ले चल अपनी कश्ती , इस संसार सागर में... के तुझे अब , तूफानों से भी टकराना होगा। बीच मझदार में, फंसी अगर तेरी कश्ती... तो तुझे ही उसे, उस पार लगाना होगा । तेरा कर्म ही ,तेरा परम धर्म है.... ये बात तुझे अब, सबको बतलाना होगा। मिलती हैं मंज़िले ,उन्ही कर्मवीरों को... जिन्हें भरोसा होता है ,खुदके बाजुओं पर। के तुझे अपने कंधो पर , उम्मीदों का बोझ खुद ही उठाना होगा... आखिर ये तेरी अपनी है उड़ान,  और अपनी तक़दीर तुझे ही खुद बन

Pehli Baarish aur Bachapan ~ पहली बारिश और बचपन

Pehli baarish ki masti mai mere yaaron, Aayo ho jaayen kahin hum goom.... पहली बारिश की मस्ती में मेरे यारों, आओ हो जायें कहीं हम गुम.... bachpan ki oon yaadon ki galiyon ka, pata hum sabko hai maloom... बचपन की उन यादों की गलियों का, पता हम सबको है मालूम.... Chat par jana, aur pehli baarish mai jamkar nahana... छत पर जाना ,और पहली बारिश में जमकर नहाना... aur papa ki daant se, fir goomsoom sa ho jana.. और पापा की डांट से, फिर गुमसुम सा हो जाना.. paani rok rok kar, oosme apni naav tairana... पानी रोक रोककर, उसमे अपनी नाव तैराना.. wo bhi kyaa jamana tha yaaron.. वो भी क्या जमाना था यारों... school aate jaate, sadak mai ghootno tak hamare paanvon ka doob jana.. स्कूल आते जाते ,सड़क में घुटनों तक हमारे पांवों का डूब जाना... wo cycle se, ek doosre par paani udana... वो साइकिल से , एक दूसरे पर पानी उड़ाना.. aaj bhi yaad aata hai, to ek muskurahat si aa jati hai... आज भी याद आता है, तो एक मुस्कुराहट सी आ जाती है.. wo bindaas bachapn ka jamana, aur pehli baarish mai hamara

बचपन के मेहमान - Bachpan ke Mehmaan - guests of childhood

चल वक्त से थोड़ा सा फिर मजाक कर ले... जो खोये हैं लम्हे उन्हें याद ही कर ले । क्या थी तेरी-मेरी हैसियत बचपन की गलियों में... चल आज फिर उस बचपन को याद कर ले। तोड़ लेता था तू डगाल पर लगी इमलियो को... न रोकता था तू साइकिल के पेडलो को। भागता था एक तेज हवा सा स्कूल के मैदानों में... तू ही तो था जो क्रिकेट का असली आल राउंडर था। थाम लेता था एग्जाम्स के दिनों में पैन को यूँ.. के तुझ से बड़ा पढ़ाकू भी कोई न था। क्या लगती थी आई एम् पी भी तेरे ज्ञान के आगे.. के आधा पेपर तो तू छपने के पहले ही बाँट देता था। दौड़ता था बचपन तेरा गली, मोहल्लों और स्कूल के मैदानों में .. आज दौड़ता है तू जिंदगी के घमासान आसमान में। छूना चाहता है तू चाँद और सितारों को.. भूल जाता है तू अपनी ही ज़मीन के नजारों को। दौड़ कौनसी अच्छी लगी अब तुझे... या भूल गया तू बचपन के मासूम अरमानों को। थोड़ा सा अभी जगा हुआ है... तो जगा ले फिर बचपन के मेहमानों को। ये मेहमान ही हैं जो पुरानी यादों से निकल आते हैं.. मिलने आते हैं फिर अपने घर चले जाते हैं। जिंदगी यु ही बीत जायेगी हमेशा की तरह.. ये मेहमान फिर भी आ आकर तुझे हमेशा गुद

बचपन की सरकार - Bachpan ki Sarkaar

वो गरमी की छुट्टियां.... वो बचपन के खेल.... वो बचपन की मस्तीयों की रेलमपेल... छोटी छोटी नोंक-झोंक.... अब तो ये आलम है कि... बरसात में कागज की नाव नहीं तैरती..... वो छिपमछिपाई भी नहीं  होती.... बचपन के पतंगबाज टीवी-कंम्पयुटर में खो गए.... बाकी सब खेल भी स्मार्ट फोन के गेम हो गए.... जाओ ढूंढ लाओ उन्हें जाकर बचपन की गलियों से .... के बीते बचपन की सरकार ने , "मुस्कुराहटों" का ईनाम रखा है... 😊😊😊😊😊😊😊😊😊 स्वप्निल  जैन @meettrailblazer

Father ~ "Super Dad" ~ ( God ) ~ Father

Father... Never Biased to his children.. Think first for his children & family.. Can't Sleep ,when his Child is in trouble.. Never do injustice with Children.. Never prove himself unfair for his children.. Treat every Child equally.. Don't show his problems to children... Spread happiness in family... Bring source of Joys for children & family.. Protect his family & Children.. Never Cry for Disappointments in Life.. Never Regret for past ... Live in present & thinks about bright future of his children.. Brings light in the dark of life for his children.. Never leave children in mid of their problems... A real solution to every problem of his childrens... Maintain a real balance in normal ,as well as in every tough situation in family.. Because he is not only father, but he is God~Father for his Children.

छोटी ख़ुशी

एक बार मिली जिंदगी, तो हमने भी शिकायत कर दी.. हमने जो चाहा, वो तो हमे मिला ही नही.. जिंदगी हंसके बोली... अरे पगले! मैं तो भेजती रही हमेशा, खुशियों के छोटे-छोटे जाम.. पर तू करता रहा इंतेज़ार ,पूरी बोतल का.. छोटा जाम तो ,तूने पिया ही नही... छोटी छोटी खुशियाँ ही, जिंदगी में बड़ा नशा देती हैं.. बड़ी बड़ी खुशियाँ कई बार, इंसान को मदहोश बना देती हैं... तो मेरे प्यारे! जा जी ले , और छोटी छोटी खुशियों के जाम पी ले.. नशा तुझे बड़ी ख़ुशियों का ही आएगा, ये बात तू समझ ले.. याद रख के , छोटी छोटी ख़ुशियों में छुपी होती है बड़ी खुशियां... क्योंकि बड़ी खुशी ,छोटी ख़ुशी की ही तो परछाई होती है...

चल दोस्त ! हम बचपन की तरफ फिर से भागें... Come on friend, let's run back to childhood ...

चल दोस्त ! हम बचपन की तरफ  फिर से भागें... चल झुका लें आसमाँ फिर से, अपने कदमों के आगे। जहाँ थे चाँद सितारे , जिनके लिए हम देर रात तक जागे... चल कदम मिला साथ चल,  के हम बचपन की तरफ फिर से भागें। चल आज तोड़ ले, अतीत के पेड़ से वो मीठी यादें.... मिलती थी खुशियां जहां छोटी छोटी बातों से, और बड़ो से होती थी प्यार भरी फरियादें। मुहल्ले के ओटलों पर,  होती थी ढेर सारी बातें.. और गली मोहल्ले में ही होती थी,  बचपन के दोस्तों की सारी मुलाकातें। निकलती थी जहाँ,  गुल्लक से टाफियां... गलती करने पर पड़ती थी पापा की डाँट , और फिर मिलती थी उनकी माफियाँ। नजरें ढूंढती थी हमेशा जहाँ,  हरदम अपने सुपर हीरो को.. और गर्मी की छुट्टियों में मन भागता,  सिर्फ अपनी नानी के घर को। मिलावटें नहीं हुआ करती थी, जहाँ रिश्ते-नातों में... वो बचपन ही एक सच था दोस्तों,  जहाँ झूलती थी खुशियां अपनेपन के झूलों में। आओ! आज के दिखावटी रिश्तों के "झूठ" को,  क्यों न अतीत के  प्यार भरे "सच" से मिलवा दें.. बेजान रिश्तों की हों अगर मुरझाई कलियाँ, तो उनको बचपन की यादों की बगिया में फिर खिला दें। चलो फिर से जी ले

Lord Mahaveer ~ तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी

#जैन धर्म #Jainism is a science to find the God within the own soul "आत्मा से परमात्मा बनने का मार्ग" Lord Mahavir श्री भगवान् #महावीर (#जैन धर्म के चौबीसवें #तीर्थंकर #भगवान) #आदिनाथ भगवान(प्रथम तीर्थंकर भगवान) से महावीर भगवान तक कई कई युग,काल बीते पर उनके बताए मार्ग पर चलने से ही किसी भी जीव आत्मा को #मोक्ष फल की प्राप्ति हो सकती है।आज के युग मे तीर्थंकर भगवान के अहिंसा के सिद्धान्त के पालन से ही सम्पूर्ण विश्व मे शांति हो सकती है। "There is no separate existence of God. Everybody can attain God-hood by making supreme efforts in the right direction." "भगवान् का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है . हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है ."