छोटी ख़ुशी
एक बार मिली जिंदगी, तो हमने भी शिकायत कर दी.. हमने जो चाहा, वो तो हमे मिला ही नही.. जिंदगी हंसके बोली... अरे पगले! मैं तो भेजती रही हमेशा, खुशियों के छोटे-छोटे जाम.. पर तू करता रहा इंतेज़ार ,पूरी बोतल का.. छोटा जाम तो ,तूने पिया ही नही... छोटी छोटी खुशियाँ ही, जिंदगी में बड़ा नशा देती हैं.. बड़ी बड़ी खुशियाँ कई बार, इंसान को मदहोश बना देती हैं... तो मेरे प्यारे! जा जी ले , और छोटी छोटी खुशियों के जाम पी ले.. नशा तुझे बड़ी ख़ुशियों का ही आएगा, ये बात तू समझ ले.. याद रख के , छोटी छोटी ख़ुशियों में छुपी होती है बड़ी खुशियां... क्योंकि बड़ी खुशी ,छोटी ख़ुशी की ही तो परछाई होती है...