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Showing posts from 2019

दोस्ती का पैगाम

ऐ दोस्त हम भी पढ़ लेते हैं तेरे कोरे कागज को .. समझ लेते हैं तेरे कोरे पन्ने पर लिखे जज्बातों को... तू बस ऐसे ही अपनी दिल की कलम✒ चलाते रहना.. हम भी अपनी दवात की ✍स्याही को सूखने नहीं देंगें... तू बढ़ाते रहना अपने कदम आगे ही आगे.. हम खुद पीछे होंगे पर तुझे पीछे रहने नहीं देंगें... पूछते रहना अपनी कोरी चिट्ठी पत्री में दोस्तों का हालचाल... दोस्त भी तेरे कंधे कभी झुकने नहीं देंगें... लिखने✒ को तो बहुत है पर हम थोड़ा रूकेंगे.. भेजेगा अगली बार कोरा पैगाम जब तू तो फिर ✍लिखेंगे... ऐ दोस्त हम भी पढ़ लेते हैं तेरे कोरे कागज को .. समझ लेते हैं तेरे कोरे पन्ने पर लिखे जज्बातों को... स्वप्निल जैन

True Friendship is a real treasure - सच्ची दोस्ती एक असली खजाना है - sachchee dostee ek asalee khajaana hai

True Friendship is a real treasure सच्ची दोस्ती एक असली खजाना है sachchee dostee ek asalee khajaana hai ---------------------------------------------------- दरअसल असल जिंदगी में हम उतना दिल से करीब नहीं होते जितना इतिहास में, कविताओं में ,किस्से कहानियों में, फेसबुक, व्हाट्सअप इत्यादि में या कहावतों में नजर आते हैं।यह एक रेयर मोमेंट होता है, जब वाकिये में आपके पास वास्तविक स्थिति में सच्चे मित्र उपलब्ध हों, वर्तमान युग मे यह अवधारणा और भी पक्की हो जाती है। यह एक नैसर्गिक सांसारिक स्थिति है, जो मनुष्य की स्वाभाविकता है। दोस्ती निभाते समय हम खुदको इसलिए भी नहीं तलाश पाते क्योंकि हमारा विश्वास खुद से ज्यादा सामने वाले दोस्त पर होता है और अगर स्वयं में स्वयं की खोज करनी है तो वो विशुद्व भावों द्वारा आत्मचिंतन और तत्व चिंतन से ही खोजा जा सकता है।बाकी सब मिथ्यात्व है। कुछ पलों के साथ आनन्द तो दे सकता है परन्तु , अगर वो ही दोस्ती के पल बाद में टकराहट में बदल जाये तो पीड़ा भी दे सकते हैं। * ***सच्ची मित्रता के अति विशिष्ट क्षणों के लिये*** *

" एक नया दिन और नया जीवन " ~ A new day and a new life

"एक नया दिन और नया जीवन" ----------------------------------------------------- अपनों के अपनेपन की वर्षा भी तो देखो, आया आज का "एक नया दिन" तो एक बार पीछे मुड़कर भी तो देखो। जिंदगी की किताब के पन्नों को, पलटकर भी तो देखो.. इन पन्नों में जो लिखा है, उसे सम्मान तो देके देखो। सफर जहाँ से शुरू किया, वो पिता की गोद भी देखो... यादों में जिंदा हो तो , वो अपना बचपन का घर भी तो देखो। जहाँ खेलकूद कर बड़े हुए, वो घर का आँगन भी तो देखो.. जहाँ से सीखा पहला शब्द बोलना, वो दादा - दादी का दुलार भी देखो। जहाँ से सीखा पहला अक्षर लिखना, वो अपना स्कूल भी तो  देखो.... सिखाई जिसने तुम्हें ज्ञान की बातें ,  वो अपने स्कूल के शिक्षक की मेहनत भी तो देखो। जिनकी उँगली पकड़ आयी कदमों में मजबूती , उन पिता को भी तो देखो... साथ निभाया जिन्होंने तुम्हारा हर हाल में , उनका साथ भी तो देखो। जो साथ निभा गया, वो दोस्त और उसकी दोस्ती को भी तो देखो.. और जो बहुत कुछ सीखा गया, उस वक्ती दुश्मनी को भी तो देखो। सीखा जिस माहौल से जिंदगी में आगे बढ़ना , उस माहौल को भी तो देखो...

Secrets of a successful life ~ Soul Power

Secret of a successful life is.... 8 wonderful formulas of life - Your own mindset Your Soul Power Your own knowledge Your own values Your own commitments Your own attitude Your own smile Your own Karma

एक दुआ - Ek Dua

"एक दुआ'  दिल से एक दुआ , खुद को देके भी तो देखो.... जो न जीया,  वो पल अब जी के भी तो देखो। रास्ते अलग अलग हों ,  भले ही सबके.. पर अपने अपने रास्तों पर ,  खिलखिला के हँसकर तो देखो। जगमग सी रोशनी , बिखरी है इन राहों में... अपनी किस्मत को, इस रोशनी से चमका के तो देखो। लाखों आरजुऐं होंगी, तुम्हारे मन में.... बस एक कदम, आगे बढ़ाकर भी तो देखो। जब मर्ज़ी आये, पलट जाना ऐ मुसाफिर... खुदको पाने के लिए, थोड़ा सा भटक कर भी तो देखो। अभी अभी तो , जीना शुरू ही किया है तुमने... खुश रहने के लिए, थोड़ा मुस्कुरा 😊 के भी तो देखो। एक पल में सिमट जाती हैं, जिंदगी की खुशियाँ... बस अपने लिए एक छोटी सी, खुशी की चाहत करके तो देखो। यकीं करो अपनी दुआओं पे, तुम जरा सा.... जो निकली हैं दिल से, तुम खुद पे भरोसा करके भी तो देखो। अब खत्म हो, खुद से ही नफरतों का सिलसिला... अब खुदको, पसन्द करके भी तो देखो। दिल से एक दुआ, खुद को देके भी तो देखो....  जो न जीया,   वो पल अब जी के भी तो देखो। दिल से "एक दुआ" , खुद को देके भी तो देखो....

करुणा और जीवदया के महासागर : आचार्य श्री विद्यासागर - " विश्वशान्ति के सच्चे राजदूत "

करुणा के सागर हैं,  आचार्य श्री विद्यासागर। वात्सल्य की प्रतिमूर्ति हैं,  आचार्य श्री विद्यासागर। भगवान महावीर के सच्चे अनुयायी हैं,  आचार्य श्री विद्यासागर। त्याग और तप की सुंदर प्रतिमा हैं, आचार्य श्री विद्यासागर। आत्मा के परमात्मा बनने की राह दिखा रहे हैं,  आचार्य श्री विद्यासागर। विश्व को प्रेम एवं अहिंसा का मार्ग दिखला रहे हैं, आचार्य श्री विद्यासागर। "भारत बने भारत" का संदेश दे रहे हैं ,  आचार्य श्री विद्यासागर। राष्ट्र कल्याण का मार्ग दिखा रहे हैं ,  आचार्य श्री विद्यासागर। इंडिया को फिर भारत बना रहे हैं,  आचार्य श्री विद्यासागर। हथकरघा से रोजगार और अहिंसा बढ़ा रहे हैं,  आचार्य श्री विद्यासागर। गौवंश की रक्षा पर अपना आशीर्वाद दे रहे हैं,  आचार्य श्री विद्यासागर। जीवदया को परम् धर्म मान रहे हैं,  आचार्य श्री विद्यासागर। सुशिक्षा को चरितार्थ कर रहे हैं , आचार्य श्री विद्यासागर। करुणा के सागर हैं,  आचार्य श्री विद्यासागर। वात्सल्य की मूर्ति हैं,  आचार्य श्री विद्यासागर। सत्य-अहिंसा मार्ग के पथ प्रदर्शक ,  आचार्य श्री विद्यासागर। युगों युगों तक जिनका स्मरण रहे, वो हैं आचार्

Every path will be yours, every destination will be yours....... हर राह तेरी होगी,हर मंज़िल तेरी होगी।

-------------------------------------------------------- O traveler of truth and goodness ..... Every path will be yours, the destination will also be yours. Every journey will be yours, You just keep going on ... Everything will be yours, every meeting will also be yours. Every time you win, You just keep going on ... Every direction will be yours, this sky will also be yours. Everyone will be yours, You just keep going on ... You will rise every time you fall , these highs will also be yours. By all means your values ​​will increase, You just keep going on ... After every night, morning will be yours; this day will also be yours. the time will also bow down for you, You just keep going on ... You will become an answer of every question, This book will also be completely yours. Every page will be golden for you, You just keep going on ... Every wall will bow towards you, This palace will also be yours. Every house will be enlighten by your b

har raah teree hogee, har manzil teree hogee... हर राह तेरी होगी, हर मंज़िल तेरी होगी...

--------------------------------------------------------------- Ae sachchaee aur achchhaee ke musaaphir..... har raah teree hogee, manzil bhee teree hogee. har saphar tera hoga, bas tu chalta chala ja... har baat teree hogee, mulaakaat bhee teree hogee. har baar tu jeetega, bas tu chalta chala ja... har disha teree hogee, ye aasmaan bhee tera hoga. har koee tera hoga, bas tu chalta chala ja... har baar girkar too uthega, ye bulandiyan bhee teree hogee. har tarah se tera maan badhega, bas tu chalta chala ja... har raat ke baad subah teree hogee, ye din bhee tera hoga. har samay tere lie jhukega, bas tu chalta chala ja... har savaal ka javaab tu hoga, ye kitaab pooree teree hogee. har panna tera svarnamayee hoga, bas tu chalta chala ja... har deevaar teree or jhukegee, ye mahal bhee tera hoga. har ghar tujhase roshan hoga, bas tu chalta chala ja... har dar tera hoga , ye chhat bhee teree hogee. har aangan tujhase mahakega, bas tu chalta chala

Muni Shri Praman Sagar Ji ~ Mangal Bhavna _मुनि श्री प्रमाण सागर जी - मंगल भावना

मंगल भावना मंगल-मंगल होय जगत् में, सब मंगलमय होय। इस धरती के हर प्राणी का, मन मंगलमय होय॥ कहीं क्लेश का लेश रहे ना, दुःख कहीं भी होय। मन में चिन्ता भय न सतावे, रोग-शोक नहीं होय॥ नहीं वैर अभिमान हो मन में, क्षोभ कभी नहीं होय। मैत्री प्रेम का भाव रहे नित, मन मंगलमय होय॥   मंगल-मंगल..... मन का सब सन्ताप मिटे अरु, अन्तर उज्वल होय। रागद्वेष औ मोह मिट जाये, आतम निर्मल होय॥ प्रभु का मंगलगान करे सब, पापों का क्षय होय। इस जग के हर प्राणी का हर दिन, मंगलमय होय॥ मंगल-मंगल.... गुरु हो मंगल, प्रभु हो मंगल, धर्म सुमंगल होय।  मात-पिता का जीवन मंगल, परिजन मंगल होय॥ जन का मंगल, गण का मंगल, मन का मंगल होय। राजा-प्रजा सभी का मंगल, धरा धर्ममय होय॥  मंगल-मंगल..... मंगलमय हो प्रात हमारा, रात सुमंगल होय। जीवन के हर पल हर क्षण की बात सुमंगल होय।  घर-घर में मंगल छा जावे, जन-जन मंगल होय।  इस धरती का कण-कण पावन औ मंगलमय होय॥   मंगल-मंगल.... दोहा:- सब जग में मंगल

अमिताभ बच्चन - बिग बी - Amitabh Bachhan - Big B ~ नाम ही काफी है।

Kai Milon Tak Akela Chalta Raha Jo Abhinay Ke Safar Me.. कई मीलों तक अकेला चलता रहा , जो अभिनय के सफर में... वो ही तो बॉलीवुड का वास्तविक मील का पत्थर है... जो रुका नही, कभी थका नही... राह थी जिसके लिये एक अग्निपथ... वो था नही उसके लिए आखरी रास्ता... बस था ये तो एक इंकलाब... अभिनय का महान जादूगर है वो... जिसे हम बॉलीवुड का शहंशाह कहते हैं.. लाया भारतीय सिनेमा में तूफान जो... उसे सारे चाहने वाले एक अजूबा कहते हैं... बिग बी है जो हम सबके लिए... जिसे अपने नसीब पर जरा सा भी अभिमान नही... कहता है वो मैं आजाद हूं... अभिनय के डॉन जैसी इनकी पहचान है... भोले के त्रिशूल जैसा उसका अभिनय शक्तिशाली... वो तो हम सबके लिए एक सरकार है.. मिली है जिसको भारतीय दर्शकों की मोहब्बतें.. जिसका एक रिश्ता है हमसे इंसानियत का... जो भारतीय सिनेमा की क्यारी का बागबां है.. हर फैमिली जिसके बेहतरीन अभिनय की गवाह बनी... जो हिंदुस्तानी सिनेमा जगत का बाबुल है... शोले हैं भड़के हुए अभिनय के जिसके दिल में .. जो शमिताभ भी है और अमिताभ भी.. जो वज़ीर भी है और भूतनाथ भी.. जिसका वक़्त है जैसे उसी की मुट्ठ

जिंदगी अज्ञात से ज्ञात और ज्ञात से अज्ञात के बीच एक अनोखी और अद्भुत यात्रा है।

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जिंदगी !!! जिंदगी क्या है??? यह जन्म से मृत्यु के बीच एक शानदार यात्रा है। जब हम इस दुनिया में जन्म लेकर पहुँचे, तो हम अपने जीवन, परिवार, कैरियर, दोस्तों, दुश्मनों, अच्छे, बुरे आदि के बारे में पूरी तरह अज्ञात होते हैं, परन्तु जब हम हमारे जीवन विकास के विभिन्न चरणों (बचपन, जवानी,बुढ़ापा) के दौरान पूरी तरह बड़े (परिपक्व) हो जाते हैं , तब तक हम जीवन के बारे में बहुत कुछ सीख चूके होते हैं।और यह सीख अधिकांशतः जीवन यापन से ही जुड़ी होती है। जीवन विकास यात्रा में हम अपनी आजीविका का साधन, जीवन साथी, नए दोस्त इत्यादि का चुनाव करते हैं।उसके पूर्व हम और हमारी आंतरिक और बाह्य विश्वास प्रणाली ने हमारे अनुभव, ज्ञान, विशेषज्ञता, कौशल आदि के आधार पर, जो हम आज कर रहे हैं, उसकी दिशा में काम करना शुरू कर दिया होता है। परन्तु जब हम बढ़ती उम्र और समय के साथ ,अपने भावी जीवन के भविष्य के क्षेत्रों की ओर बढ़ने लगते हैं ..... तब हम भविष्य में जीवन में होने वाले बहुत से पहलुओं, परिवर्तनों और सभी परिस्थितियों के बारे में कुछ नही जानते और उससे अज्ञात ही रहते हैं। तो हम संक्षेप में यह कह सकते हैं ,कि हम हमारे ज

जिंदगी अज्ञात से ज्ञात और ज्ञात से अज्ञात के बीच एक अनोखी और अद्भुत यात्रा है।

जिंदगी!!! जिंदगी क्या है??? यह जन्म से मृत्यु के बीच एक शानदार यात्रा है। जब हम इस दुनिया में जन्म लेकर पहुँचे, तो हम अपने जीवन, परिवार, कैरियर, दोस्तों, दुश्मनों, अच्छे, बुरे आदि के बारे में पूरी तरह अज्ञात होते हैं, परन्तु जब हम हमारे जीवन विकास के विभिन्न चरणों (बचपन, जवानी,बुढ़ापा) के दौरान पूरी तरह बड़े (परिपक्व) हो जाते हैं , तब तक हम जीवन के बारे में बहुत कुछ सीख चूके होते हैं।और यह सीख अधिकांशतः जीवन यापन से ही जुड़ी होती है। जीवन विकास यात्रा में हम अपनी आजीविका का साधन, जीवन साथी, नए दोस्त इत्यादि का चुनाव करते हैं।उसके पूर्व हम और हमारी आंतरिक और बाह्य विश्वास प्रणाली ने हमारे अनुभव, ज्ञान, विशेषज्ञता, कौशल आदि के आधार पर, जो हम आज कर रहे हैं, उसकी दिशा में काम करना शुरू कर दिया होता है। परन्तु जब हम बढ़ती उम्र और समय के साथ ,अपने भावी जीवन के भविष्य के क्षेत्रों की ओर बढ़ने लगते हैं ..... तब हम भविष्य में जीवन में होने वाले बहुत से पहलुओं, परिवर्तनों और सभी परिस्थितियों के बारे में कुछ नही जानते और उससे अज्ञात ही रहते हैं। तो हम संक्षेप में यह कह सकते हैं ,कि हम हमारे जीव

आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज - राष्ट्रचिन्तक

"आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज - राष्ट्रचिन्तक" ------------------------- मयूर पीछी और कमण्डल है , उपकरण जिनका... अम्बर ही तो है,  आवरण  उनका.. त्याग और तपस्या की , साक्षात प्रतिमूर्ति हैं जो... भगवान महावीर की परंपरा के,  परम अनुयायी हैं वो... जो हर पल यही है चाहते,  देश मे शांति और सम्रद्धि का वास हो... जिनकी भावना ऐसी , कि कोई चैतन्य आत्मा कभी न उदास हो... विश्व शांति का संदेश , जो हैं चारो ओर फैलाते... अपने कल्याणकारी प्रवचनों से,  जो आत्मचेतना को जगाते... गुरुवर की महान है महिमा , प्रत्येक जीव पर करुणा दर्शाते... जीयो और जीने दो की जैनत्व परंपरा को,  जीवंत जो करते... जो आत्म साधना में सदा लीन रहते हैं... तपस्या में तपकर जो खरा सोना बने हैं... राष्ट्रहित राष्ट्र चिंतन के लिए , गुरुदेव सदैव खड़े हैं... कई कई तपस्वी जिनकी दी दीक्षा से , वैराग्य के मार्ग पर आगे बढे हैं.. ऐसे हैं आचार्य श्री विद्यासागर, जिनके पवित्र पावन चरण भारत भूमि मे पड़े हैं... ग्रहस्थ हों या हों दीक्षार्थी,  गुरुदेव सबको सदमार्ग दिखलाते... जीवन को कैसे है जीना,  ये भी गुरुवर हमको बतलाते... देश क

भारत के लिए हरियाली और रास्ता - अनूठा प्रयास

https://m.facebook.com/groups/263856610722890?view=permalink&id=696869944088219 (साभार : फेसबुक लिंक ) 107 वर्ष की एक वृद्ध महिला जो चालीस वर्ष की उम्र में संतान न होने के कारण आत्म हत्या करने वाली थी परन्तु विचार त्याग कर जीवन जीने का एक लक्ष्य बनाया और कर्नाटक में चार किमी के एरिये में 385 बरगद के पेड़ लगाये और उसके अलावा भी अन्य 8000 पेड़ लगाए , उनको ही अपना बालक मानकर जीवन भर उन पेड़ो की सेवा कर उनको छाँव देने योग्य बनाया। अपने स्वर्गवासी पति के साथ जीवन भर उन पोधो को पेड़ बनने तक रोज पानी पिलाकर अपना सारा जीवन पर्यावरण के नाम कर दिया। क्या आपने इससे पहले आज तक किसी को नंगे पैर पदम् श्री अवार्ड लेते हुए देखा हे। वास्तव में ऐसे लोगो को अवार्ड मिलते हे तो मन को प्रसन्नता होती है। ********************************** *किया है 👆🏻मतदान।* *अब करेंगे 🌳वृक्षदान।* 🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱 *एक एक 🌱पौधा सबको लगाना है,* *भारत को फिर से हरा🌳🌳🌳🌳 भरा बनाना है।* 🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳 स्वच्छ भारत का इरादा कर लिया हमने, अब घटते जलस्तर से मुक्ति पाना है। 💧💦🌨🌈💦💧🌧🌨🌧 बेहतर करेंगे

मौसम की पहली बारिश - First Rains

पहली बारिश का कुछ इस तरह का है नजारा, कुदरत ने है इसे बड़ी खूबसूरती से सँवारा। नशा है कुछ इस तरह का इन बारिश की बूंदों में, के अगर छलक जाये आसमां से तो मौसम के पैमाने बदल जाएं। हम तो परेशान थे अब तक इस बेदर्द गर्मी से, पहली बारिश ने आज एक सच्चे हमदर्द का किरदार निभाया है। मदहोशी हो ही जाती है ऐसे बेहतरीन हमदर्द के मिलने से, और कोई भी नशा क्या इस गर्मी को मिटा पाया है। देखो पहली बारिश का ये कैसा सुरूर छाया है, कल तक था जो मौसम बेदर्द आज वो हमारा हमसाया है। बड़ा लाजमी है उनके होंठो पर पहली बारिश का जिक्र आ जाना, के एक अकेले हम ही इस बारिश के दीवाने तो नहीं हैं। बादलों की आड़ में वो जो आज छिप रहा, वो कल तक गर्मी से कैसे तीखे तेवर दिखा रहा था। पसीने से हो रहे थे हम तो लथपथ, और वो हमारी इस हालत पे मुँह चिड़ा रहा था। अब जाकर राहत मिली है दोस्तो इस बेदर्द गर्मी से, जिसके जुल्मो सितम की कहानी सारा जमाना सुना रहा था।

आचार्य श्री विद्यासागर जी मुनिराज - राष्ट्रचिन्तक जन जन के सन्त

*मयूर पीछी और कमण्डल है उपकरण जिनका...* *अम्बर ही तो है आवरण  उनका..* *त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति हैं जो...* *भगवान महावीर की परंपरा के परम अनुयायी हैं वो...* *देश मे शांति और सम्रद्धि का वास हो...* *जिनकी भावना ऐसी कि कोई चैतन्य आत्मा कभी न उदास हो...* *विश्व शांति का संदेश जो हैं चारो ओर फैलाते...* *अपने कल्याणकारी प्रवचनों से जो आत्मचेतना को जगाते...* *गुरुवर की महान है महिमा प्रत्येक जीव पर करुणा दर्शाते...* *जियो और जीने दो की जैनत्व परंपरा को जीवंत जो करते...* *जो आत्म साधना में सदा लीन रहते हैं...* *तपस्या में तपकर जो खरा सोना बने हैं...* *राष्ट्रहित राष्ट्र चिंतन के लिए गुरुदेव सदैव खड़े हैं...* *कई कई तपस्वी जिनकी दी दीक्षा से वैराग्य के मार्ग पर आगे बढे हैं..* *ऐसे हैं आचार्य श्री जिनके पवित्र पावन चरण भारत भूमि मे पड़े हैं...* *ग्रहस्थ हों या हों दीक्षार्थी गुरुदेव सबको सदमार्ग दिखलाते...* *जीवन को कैसे है जीना ये भी गुरुवर हमको बतलाते...* *गुरुवर तो जन जन में ज्ञान की ज्योति जगाते हैं... *अपनी गुरुवाणी से आत्मप्रगति का मार्ग दिखलाते हैं* *देश कै

Hum Sab Karmon ke Adheen Hain ~ हम सब कर्मों के अधीन हैं।

कर्मों के अधीन घटित होने वाली परिस्थितियों पर गुमान क्यों? एक बार कागज का एक टुकड़ा हवा के वेग से उड़ा और पर्वत के शिखर पर जा पहुँचा। पर्वत ने उसका स्वागत किया और पूछा -भाई! यहाँ कैसे पधारे ? कागज ने दंभ से कहा-अपने दम पर। "जैसे ही कागज ने अकड़ से कहा अपने दम पर" !! तभी हवा का दूसरा झोंका आया और कागज को उड़ा ले गया सीधा गंदी नाली । अगले ही पल वह कागज नाली में गल-सड़ गया। जो दशा एक कागज की है वही दशा हमारी है। पुण्य की अनुकूल वायु का वेग आता है तो हमें शिखर पर पहुँचा देता है, और पाप का झोंका आता है तो रसातल पर पहुँचा देता है। किसका मान ? कैसा गुमान ? जीवन की सच्चाई को समझें। संयोग हमारे कर्मो के अधीन हैं और कर्म कब क्या करवट ले , कोई नहीं जानता। इसलिए कर्मों के अधीन घटित होने वाली परिस्थितियों का  गुमान क्यों ? जैन दर्शन और वैदिक दर्शन वर्तमान के कर्म एवं पूर्व संचित कार्मिक एकाउंट पर जीवन दर्शन और उसके अच्छे बुरे परिणाम को मान्यता देता है। आज का पुरुषार्थ ही आने वाले कर्मों के अकॉउंट को याने की भाग्य को निर्धारित करता है।जन्मों से संचित पुण्य भी एक पल की गलती से नष्