मंगल भावना मंगल-मंगल होय जगत् में, सब मंगलमय होय। इस धरती के हर प्राणी का, मन मंगलमय होय॥ कहीं क्लेश का लेश रहे ना, दुःख कहीं भी होय। मन में चिन्ता भय न सतावे, रोग-शोक नहीं होय॥ नहीं वैर अभिमान हो मन में, क्षोभ कभी नहीं होय। मैत्री प्रेम का भाव रहे नित, मन मंगलमय होय॥ मंगल-मंगल..... मन का सब सन्ताप मिटे अरु, अन्तर उज्वल होय। रागद्वेष औ मोह मिट जाये, आतम निर्मल होय॥ प्रभु का मंगलगान करे सब, पापों का क्षय होय। इस जग के हर प्राणी का हर दिन, मंगलमय होय॥ मंगल-मंगल.... गुरु हो मंगल, प्रभु हो मंगल, धर्म सुमंगल होय। मात-पिता का जीवन मंगल, परिजन मंगल होय॥ जन का मंगल, गण का मंगल, मन का मंगल होय। राजा-प्रजा सभी का मंगल, धरा धर्ममय होय॥ मंगल-मंगल..... मंगलमय हो प्रात हमारा, रात सुमंगल होय। जीवन के हर पल हर क्षण की बात सुमंगल होय। घर-घर में मंगल छा जावे, जन-जन मंगल होय। इस धरती का कण-कण पावन औ मंगलमय होय॥ मंगल-मंग...
जीयो और जीने दो "एक संसद भगवान महावीर की भी लगे" ------------------------------ यह वर्ष 2023 समग्र जैन सम्प्रदाय के लिए ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण विश्व एवं प्राणी जगत के लिए चोबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के 2550 वें निर्वाण वर्ष के अत्यंत शुभ अवसर पर, किस प्रकार से अति महत्वपूर्ण हो सकता है, उस पर सभी जैन महानुभाव, विद्वान,वरिष्ठ एवं सभी समाज जन अवश्य विचार करें। 🙏 इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ से लेकर चोबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांतों और उनकी सीखों पर संगोष्ठी का आयोजन अलग अलग स्तर पर हो। हमारे भारत के गणमान्य नागरिक भी उसमें सहभागिता सुनिश्चित कर सके। भगवान महावीर के सिद्धांतों से भारत सहित विश्व को किस प्रकार लाभ प्राप्त हो सकता है, उस पर विचार हो। क्षत्रिय कुल में जन्म लेने वाले हमारे तीर्थंकर भगवन् भारतवर्ष को ही नहीं,अपितु सम्पूर्ण विश्व को "जीयो और जीने दो " का अमर सन्देश देते हैं। विचारों का आदान प्रदान और साधर्मी बन्...
एक तेरा हाथ हो, एक मेरा हाथ हो.. बढ़ती गर्मी और घटते जलस्तर के खिलाफ, हमारा जीवन भर का साथ हो.. फैल जाए हवाओं में थोड़ी ठंडक, काश ऐसा हो जाये.. चल जरा बढ़ती गर्मी से ,दो दो हाथ हो जाये.... #चल ज...
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