करुणा और जीवदया के महासागर : आचार्य श्री विद्यासागर - " विश्वशान्ति के सच्चे राजदूत "
करुणा के सागर हैं,
आचार्य श्री विद्यासागर।
वात्सल्य की प्रतिमूर्ति हैं,
वात्सल्य की प्रतिमूर्ति हैं,
आचार्य श्री विद्यासागर।
भगवान महावीर के सच्चे अनुयायी हैं,
आचार्य श्री विद्यासागर।
त्याग और तप की सुंदर प्रतिमा हैं,
त्याग और तप की सुंदर प्रतिमा हैं,
आचार्य श्री विद्यासागर।
आत्मा के परमात्मा बनने की राह दिखा रहे हैं,
आचार्य श्री विद्यासागर।
विश्व को प्रेम एवं अहिंसा का मार्ग दिखला रहे हैं,
आचार्य श्री विद्यासागर।
"भारत बने भारत" का संदेश दे रहे हैं ,
विश्व को प्रेम एवं अहिंसा का मार्ग दिखला रहे हैं,
आचार्य श्री विद्यासागर।
"भारत बने भारत" का संदेश दे रहे हैं ,
आचार्य श्री विद्यासागर।
वात्सल्य की मूर्ति हैं, आचार्य श्री विद्यासागर...
राष्ट्र कल्याण का मार्ग दिखा रहे हैं ,
आचार्य श्री विद्यासागर।
इंडिया को फिर भारत बना रहे हैं,
आचार्य श्री विद्यासागर।
हथकरघा से रोजगार और अहिंसा बढ़ा रहे हैं,
हथकरघा से रोजगार और अहिंसा बढ़ा रहे हैं,
आचार्य श्री विद्यासागर।
गौवंश की रक्षा पर अपना आशीर्वाद दे रहे हैं,
गौवंश की रक्षा पर अपना आशीर्वाद दे रहे हैं,
आचार्य श्री विद्यासागर।
जीवदया को परम् धर्म मान रहे हैं,
जीवदया को परम् धर्म मान रहे हैं,
आचार्य श्री विद्यासागर।
सुशिक्षा को चरितार्थ कर रहे हैं ,
सुशिक्षा को चरितार्थ कर रहे हैं ,
आचार्य श्री विद्यासागर।
करुणा के सागर हैं,
करुणा के सागर हैं,
आचार्य श्री विद्यासागर।
वात्सल्य की मूर्ति हैं,
वात्सल्य की मूर्ति हैं,
आचार्य श्री विद्यासागर।
सत्य-अहिंसा मार्ग के पथ प्रदर्शक ,
सत्य-अहिंसा मार्ग के पथ प्रदर्शक ,
आचार्य श्री विद्यासागर।
युगों युगों तक जिनका स्मरण रहे,
युगों युगों तक जिनका स्मरण रहे,
वो हैं आचार्य श्री विद्यासागर।
त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति हैं,
त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति हैं,
आचार्य श्री विद्यासागर।
सयंम जिन्होंने सिखलाया,
सयंम जिन्होंने सिखलाया,
वो हैं आचार्य श्री विद्यासागर।
आधुनिक युग में आत्मज्ञान से जिन्होंने दुनिया को फिर परिचित करवाया,
आधुनिक युग में आत्मज्ञान से जिन्होंने दुनिया को फिर परिचित करवाया,
वो हैं आचार्यश्री विद्यासागर।
अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य जिन्होंने अपनाया,
अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य जिन्होंने अपनाया,
वो हैं आचार्य श्री विद्यासागर।
सूक्ष्म से सूक्ष्म जीवों के प्रति भी दया जो रखते ,
सूक्ष्म से सूक्ष्म जीवों के प्रति भी दया जो रखते ,
ऐसे हैं महामुनिराज आचार्य श्री विद्यासागर।
करुणा के सागर हैं, आचार्य श्री विद्यासागर..
वात्सल्य की मूर्ति हैं, आचार्य श्री विद्यासागर...
ऐसे इक्कसवीं सदी के महान विश्वसन्त और महान राष्ट्रचिन्तक , महाकवि, लेखक,कई धर्मशास्त्रों के रचियता,भारत के प्राचीन ज्ञान एवं शास्त्रों के जानकार,राजनीति एवं धर्मनीति के जानकार,प्रेम-करुणा-अहिंसा की प्रतिमूर्ति एवं विश्वशांति का संदेश देने वाले परम् पूज्य महामुनिराज आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के चरणों मे शत शत नमन।
- स्वप्निल जैन
Superb efforts to praise Aacharya Shri.. Namostu Aacharya shri
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