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दोस्ती का पैगाम

ऐ दोस्त हम भी पढ़ लेते हैं तेरे कोरे कागज को .. समझ लेते हैं तेरे कोरे पन्ने पर लिखे जज्बातों को... तू बस ऐसे ही अपनी दिल की कलम✒ चलाते रहना.. हम भी अपनी दवात की ✍स्याही को सूखने नहीं देंगें... तू बढ़ाते रहना अपने कदम आगे ही आगे.. हम खुद पीछे होंगे पर तुझे पीछे रहने नहीं देंगें... पूछते रहना अपनी कोरी चिट्ठी पत्री में दोस्तों का हालचाल... दोस्त भी तेरे कंधे कभी झुकने नहीं देंगें... लिखने✒ को तो बहुत है पर हम थोड़ा रूकेंगे.. भेजेगा अगली बार कोरा पैगाम जब तू तो फिर ✍लिखेंगे... ऐ दोस्त हम भी पढ़ लेते हैं तेरे कोरे कागज को .. समझ लेते हैं तेरे कोरे पन्ने पर लिखे जज्बातों को... स्वप्निल जैन