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Showing posts from 2018

भगवान महावीर - जैन दर्शन

अनेकांत के दृष्टा श्री भगवान महावीर ने द्रव्य के निरंतर बदलते असंख्य पर्याय दिखाये| मार्ग तो दिखाया पर मंजिल पाने के बाद किसी से नहीं मिले| अपनी मंजिल तक खुद ही चलना यही भगवान महावीर की शिक्षा थी| न सहारा, न साथी, न सुविधा, न संरक्षण न बचाव| अपनी नौका खुद चलाना होगा| कितनी भी भीड़ हो साधना अकेले ही होगी| यश के पीछे मत दौड़ना भटक जाओगे| ज्ञान भी खुद ही पाना होगा| दृष्टि भी खुद की ही होगी| आचरण भी अकेले का| वे एकांत पथिक थे| भटकाव मिटाया था उन्होंने| न किसी ईश्वर ने दुनिया बनाई, न वह अवतार लेगा, न पापों की क्षमा होगी, न कोई तुम्हें तारेगा| स्वयं पर विश्वास रखो| स्वयं ही प्रयत्न करो| स्वयं ही जानो| धर्म मार्ग है, मुक्ति मंजिल है| यात्री वही जो चलने का साहस जुटा सके| बाहरी यात्रा में अनुयायी हो , अंतर यात्रा में स्वयं का नेतृत्व स्वयं करो| पीछे कोई नहीं दिखेगा, आगे भी सिर्फ आपका अपना ज्ञान होगा जो पथ प्रदर्शन करेगा| (अन्य धार्मिक स्तोत्र से साभार प्राप्त)

जीवन द्रष्टान्त -1

🙏🏼 *जय जिनेंद्र* 🙏🏼 लाओत्से एक बार एक वृक्ष के नीचे बैठे थे । अचानक हवाएं चलने लगी उसकी नजर एक सूखे पत्ते पर पड़ी। हवाओ के झोखों से वह पत्ता कभी एकदम ऊपर उड़ जाता फिर अचानक वह जमीन पर आ पड़ता था। कभी वह दाएं ओर कभी वह बायें ओर.. कभी ऊपर कभी नीचे... उसने देखा वह पत्ता बिल्कुल राजी था।उसे ऊपर उड़ने में कोई अहंकार नही था और न ही नीचे गिरने पर कोई शिकायत नही थी... दाये बाए पूरब पश्चिम किसी भी दिशा में जाने पर भी कोई विरोध नही.... बस चुपचाप वह पत्ता हवाओं के साथ मस्त था। लाओत्से वहा से उठ गया एक अदभुत आनन्द के साथ एक नए अनुभव के साथ...ये क्षण उसके जीवन में एक नई क्रान्ति उत्पन्न कर गया। जहाँ शिकवा शिकायत है वहाँ समर्पण नहीँ.... और जहाँ समर्पण है वहाँ कोई शिकवा नहीं.... *बस एक अहोभाव।* *एक अद्भुत शान्ति.. 😇* 🙏🏼 *पूर्ण धन्यवाद..*🙏🏼 *आभार से भरी हुई.....* (अन्य धार्मिक स्तोत्र से साभार प्राप्त)

गुरूवर जब भी मुस्कुराते हैं - मुरझाए चेहरे भी खिल जाते हैं।

Sunday, 19 August 2018 कविता शीर्षक ~ गुरूवर जब भी मुस्कुराते हैं - मुरझाए चेहरे भी खिल जाते हैं ~ _______________________ गुरुवर की अप्रतिम मुस्कान से, मुरझाए चेहरे भी खिल खिल जाते हैं। गुरुवर का रूप है बड़ा निराला, जिनके दर्शन मात्र से भव भव के पाप कट जाते हैं।। _________________________ मेरे गुरूवर जब भी मुस्कुराते हैं, मेरे खयालों में  साक्षात जिनेंद्र भगवान 🙏🏼 चले आते हैं। महसूस होने लगता है अद्भुत आत्म स्पंदन , रुक गया हो जैसे कर्मो का क्रंदन।। जब आँखें बन्द करता हूँ,  गुरूवर की मुस्कुराती तस्वीरें नजर आती हैं। ये आत्मा कर लेती है स्वतः कर्मो की निर्जरा , और पुण्य कमा ले जाती है।।  मिट जाए कर्मों का बंधन, और न रहे जन्म मरण का अंधियारा। ऐसा आशीर्वाद दे दो गुरूवर, के न लेना पड़े जन्म दुबारा।। गुरुवर की अप्रतिम मुस्कान से, मुरझाए चेहरे भी खिल खिल जाते हैं। गुरुवर का रूप है बड़ा निराला, जिनके दर्शन मात्र से भव भव के पाप कट जाते हैं।।    - स्वप्निल जैन

जीवन यात्रा और जीवन विकास

जीवन यात्रा में मंज़िल ,पड़ाव,अध्यात्म और जीवन विकास ये सभी अति महत्वपूर्ण पहलू हैं।किसी को भी नकारना कर्म सिद्धान्त को नकारने के बराबर ही माना जायेगा। हम पैदा होते हैं ,उससे पहले से ही जीवन में कर्मो की निर्जरा निरंतर चलती रहती है।जिस प्रकार मिट्टी का रूप और खुशबू मौसम अनुसार बदलता रहता है,उसी प्रकार मनुष्य का जीवन भी कर्म अनुसार बदलता रहता है। इसी दौरान विभिन्न किस्म के पड़ाव जीवन मे आते हैं।पुरुषार्थ रहित होने पर मनुष्य की कर्मगति उसे भाग्य अनुसार  भृमण करवाती रहती है।अगर  आध्यात्मिक प्रगति हो चुकी हो या हो रही हो तो मंज़िल सही दशा में आने लगती है। सही मायने में जीवन विकास के लिए आध्यात्मिक उन्नति अति आवश्यक है।परन्तु उसका स्वरुप समझना जरूरी है। धर्म,अर्थ,काम और मोक्ष की अवधारणा अगर सही मायने में जिसको समझ मे आ गयी तो फिर उसका जीवन संतुलित होना शुरू हो सकता है। जय जिनेन्द्र

I am a traveller of my life.... मैं एक मुसाफिर हूँ ,अपने जीवन का...

I am a traveller of my life....  मैं एक मुसाफिर हूँ ,अपने जीवन का... मैं एक मुसाफिर हुँ... अपने उमड़ते घुमड़ते खयालों का, जिंदगी के अनगिनत सवालों का। मैं एक मुसाफिर हूँ... गुजरे बचपन का, आने वाले पचपन का। मैं एक मुसाफिर हूँ.... अपने कारोबार का, अपने रिश्ते-नातों का। मैं एक मुसाफिर हूँ... अपने समाज का, अपने राष्ट्र का। मैं एक मुसाफिर हूँ... अपने परिवार के सुख-दुख का, अपनी जिमेदारियों का। मैं एक मुसाफिर हूँ... अपने बच्चों के सुख का, उनके आने वाले कल का। मैं एक मुसाफिर हूँ... अपने सुखों का, अपने दुखों का। मैं एक मुसाफिर हूँ... अपने धर्म का, अपने कर्म का। जी हाँ !  मैं एक मुसाफिर हूँ.... अपने वर्तमान और भविष्य का। हाँ ! मैं एक मुसाफिर हूँ , अपने जीवन के अनमोल सफर का..... - स्वप्निल जैन

Pita ka Ashirwad ~ पिता का आशीर्वाद

"पिता का आशीर्वाद" एक कविता है पिता का सच्चा आशीर्वाद,  जिसका एहसास हमेशा मन को गुदगुदाता है। जिनके चरणों में बसा होता है स्वर्ग जहाँ, वँहा हर किसी का दिल मुस्कुराता है। पिता का आशीर्वाद है ये जीवन, सारी दुनिया से परे है जिनका समर्पण। रात और दिन भी जिनके सामने थकते हैं, जिनकी मेहनत के फूल परिवार में हमेशा महकते हैं। बना रहता है परिवार एक सुंदर बगिया जिनसे, रिश्तों में भी खुशबू आती है जिनके रहने से। पिता ऐसा सूरज है जो कभी नहीं ढलता है, ईश्वर का एक नाम है"परमात्मा" तो दूजा "पिता" है। हर लम्हा जिनके रहने से, हरदम तरोताज़ा हो जाता है। दिल से चाहते हैं पिता जिनको,  ईश्वर भी उन पर अपना स्नेह बरसाता है। रास्ते कितने भी कठिन हों, रास्तो में चाहे बिछे हो काँटे। पिता का आशीर्वाद ही जीवन के उन रास्तों का सम्मान करना सिखाता है। दुनिया को कई कई बार बदलते देखा, पर पिता का मान हमेशा सर ऊँचा रखना सिखाता है। लोग बदले चाहे जितना रिश्ता बदले, जो कभी न बदले ..... वो *पिता का आशीर्वाद*🙌🏽 है। 🙏🏼🙏🏼🙏🏼एक पिता के आशीर्वाद को सच्चे दिल से नमन🙏🏼🙏🏼🙏

नव भारत निर्माण - New Rising India

#नव भारत निर्माण चलो साथ मिलकर एक नव भारत निर्माण करते हैं🇮🇳  न तेरा हो न मेरा हो , ये भारत हम सबका हँसता 😊 चेहरा हो। एक हो जाएं सारी नदियाँ,  पानी न तेरा हो न मेरा हो... जाग जाएं सभी भारतवासी गहरी नींद से , और एक नया सवेरा हो। रात को चैन की नींद तुझे भी आये और मुझे भी आये। जात पात की चिंता सिर्फ देशविरोधियों को ही सताये। नए भारत के किसान अपनी मेहनत की फसल का सही दाम पाएँ, गरीब करे जी भर के मेहनत और उनको इतना मिले की भूख  न सताये। अमीर हो चाहे गरीब हो , हर कोई मेहनत से देश को आगे बढ़ाए.. मध्यम वर्ग  भी है देश की ताकत , आओ सब मिलजुलकर नया भारत बनाएँ। बढे आगे मेरा देश और देश का हर नौजवान, जात पात के भेदभाव से नया भारत जब मुक्ति पाए। एक हो सभी की मंज़िल , और एक हो सभी के इरादे... तेरी नही मेरी भी एक चाहत हो,  नए भारत में सबके दिलों में राहत हो। तरक्की करे इक्कसवीं सदी का भारत कुछ इस तरह, भृष्टाचार न रह पाए यहाँ और देश में शिष्टाचार का निवास हो। आपस मे झगड़ते झगड़ते बीत गयी , न जाने कितनी सदियां... एक मजबूर नही , एक मजबूत भारत हमारा हो। देश की सरहदें हों पूर्ण सुरक्षित, दुश्म

Karma & Dharam ~ कर्म और धर्म

कर्म का सामना करो। धर्म की शरण लो। कर्म सामने आएगा उसे भोगना ही होगा। जागरूक होकर सामना करें। संसार मे पूण्य पाप का खेल चलता रहता है। तुम्हारे हाथ में कुछ है ही नही। बड़े बड़े महापुरुषों के जीवन को देखें। महाभारत,रामायण में वनवास मिला।राज्य छोड़ना पड़ा।भगवान पार्श्वनाथ को ,भगवान आदिनाथ को भी उपसर्ग आये। पर उन्होंने समता भाव धारण करके कर्मों का सामना करा। अपने परिणामों को समझो। भागोगे तो दुख बढेगा।

Challenges Of India to become Developed Country

Absence of "right will power" to change the system in favor of countryman is the biggest irony of India.After 1947 & since more than 70 years of Independence still we are discussing about the basic health necessities.It shows the lack of will power in implementation of right ideas at right  time.It seems it will take another 100 years to see India as a well Developed country with complete infrastructure growth.Strong Political will required to change the entire system in favour of common man. Increasing population is another big challenge to ensure availability of sufficient resources in next 25 years.Scarcity of Resources to fulfill needs of entire population is biggest threat.These various needs may be related to Water,Greenery ,Health, Business/Job, Infrastructure, Home,Quality Education etc.etc. Entire Political system need to change their mindset.Current political patterns will not much helpful in country's proper growth.All free schemes without any efforts maki

#चल जरा बढ़ती गर्मी से दो दो हाथ हो जाये....

एक तेरा हाथ हो, एक मेरा हाथ हो.. बढ़ती गर्मी और घटते जलस्तर के खिलाफ, हमारा जीवन भर का साथ हो.. फैल जाए हवाओं में थोड़ी ठंडक, काश ऐसा हो जाये.. चल जरा बढ़ती गर्मी से ,दो दो हाथ हो जाये.... #चल जरा बढ़ती गर्मी से दो दो हाथ हो जाये.... थोड़ा तू चले थोड़ा में चलूँ ,हाथों में नन्हा पौधा लेकर... इस पौधे को रोपकर इतनी देखभाल करें, कि वो एक हरा भरा पेड़ बन जाये... रो रही हैं नदियाँ और हताश हैं सारे जल स्त्रोत.. क्यूँ न हम कुछ ऐसा करें, के उनके चेहरों पर रौनक आ जाये... #चल जरा बढ़ती गर्मी से, दो दो हाथ हो जाएं.. सुख रहा है जीवन धरती से, जल स्तर लगातार कम हो जाने से... आओ!बोएँ बीज हरियाली के कुछ इस तरह ,के धरती माँ का आँचल जल से पुनः भर जाए... न हो तेरे मन में उलझन ,न हो मेरे मन में कोई शिकवा.. अगर बचाना है धरती पर जलस्त्रोतों को,तो क्यों न एक जोरदार आगाज हो जाये... #चल जरा बढ़ती गर्मी से, दो दो हाथ हो जाएं.. न ये तेरी जंग है ,न ये मेरी जंग है... पानी की कमी से तो, सारी दुनिया ही तंग है... बचाना है अगर धरती पर मौजुद जलस्त्रोतों को , तो क्यों न इस पर सारा देश और दुनिया एक हो जाये... #च

3 Simple Steps which can help Students for Choosing Graduation Courses

3 Simple Steps to Choose Right Career development related Graduation Courses. After 12th Result most of the students confused to choose right career path for their Graduation Degree.Usually most of the students plan their career in early 12th phase.But,in today's age so many career fields are available & emerging career fields always catch attention of those students ,who want to take calculative risks. For students a very simple exercise may help them to prepare their mindset towards the right career path with a confident mind. 1. Write Down your Top 5 Own Career Preferences.Don't use outside suggestions. 2. Write Down your Top 5 Good Hobbies in which you feel your skills can develop & transform into Career. 3. After working on above two points SWOT Analysis need to be done on above two points.This exercise will help you to choose a right career option for graduation degree in which you will feel most comfortable. **Give yourself sufficient time for completing ab

Jeeyo aur Jeeene Do ~ Lord Mahaveer

" Jeeyo aur Jeene Do " - means "Live & Let Live". We are in the year 2018 & we as a human beings travelled a long long journey since the beginning of life. Today when whole world is feeling highly insecure in front of Nuclear Weapons & Destructive Forces of world, principles of Jainism & Lord Mahaveer can be very useful to live in peace.     According to Jainism your life & death is a part of your karma & when you win your life over your karma,you can also become god by following some principles.Meanwhile , in the unlimited journey of life & death; birth & rebirth ,we lived unlimited numbers of lives.